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उपयोगिता की संकल्पना और सीमांत उपयोगिता ह्रास नियम

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उपयोगिता की धारणा आप कलम क्यों खरीदना चाहते हैं ? आप विद्यालय क्यों जाते हैं ? आप बीमार होने पर डॉक्टर के पास क्यों जाते हैं ? इस प्रकार के अनगिनत प्रश्नों के उत्तर में आप पाते हैं कि वस्तुओं एवं सेवाओं से आपकी कोई न कोई आवश्यकता अवश्य पुरी होती है। जैसे कलम से लिखने की आवश्यकता पूर्ण होती है। विद्यालय में हमें शिक्षा प्राप्त होती है। ठीक इसी प्रकार डॉक्टर से इलाज कराने से स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। अतः यह कहा जा सकता है कि वस्तुओं में हमारी आवश्यकता को संतुष्ट करने की शक्ति होती है। वस्तु की इसी शक्ति के कारण कहा जाता है कि वस्तु में उपयोगिता ( Utility )  होती है।     प्रश्न है कि उपयोगिता क्या है ? हम यह अनुभव करते हैं कि वस्तु के उपभोग से हम संतुष्टि का अनुभव करते हैं। ऐसा इसलिए कि वस्तु के उपभोग से आवश्यकता की तीव्रता में कमी आती है। उपयोगिता को इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है। किसी वस्तु के उपभोग के फलस्वरूप अपेक्षित संतुष्टि को उपयोगिता कहा जाता है। दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि उपभोक्ता को किसी वस्तु के उपभोग से जो संतुष्टि मिलने की आशा हो...